भारतीय बंदरगाह। भारत के 13 बड़े बंदरगाह।
Indian Ports |
देश की मुख्य भूमि की 5600 किलोमीटर लंबी तटरेखा पर 13 बड़े तथा 185 मध्यम व छोटे बंदरगाह स्थित है।
बंदरगाहों का नियंत्रण
बड़े बंदरगाह का नियंत्रण केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। जबकि छोटे बंदरगाह का नियंत्रण संविधान की समवर्ती सूची में शामिल हैं, जिनका प्रबंधन तथा प्रशासन संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है।
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भारत में 13 बड़े बंदरगाह का विस्तार
- कांडला (kandla)
2. मुंबई (mumbai)
यह देश का सबसे बड़ा, वर्ष पर्यन्त खुला रहने वाला प्राकृतिक बंदरगाह है, जो सालसेट द्वीप पर स्थित है।
यहां से मुख्यतः सुतिं एवं ऊनी कपड़े, चमड़े का सामान, पेट्रोलियम, मैग्नीज, मशीन, इंजीनियरिंग की सामान, आदि का निर्यात किया जाता है। यह देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है।
3. न्हवा शोवा ' न्यू मुंबई ' (Nhava Sheva 'Navi Mumbai)
इसका नया नामकरण जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह है। यह पूर्णतः यंत्रचालित बंदरगाह है जो मुंबई बंदरगाह पर दबाव कम करने हेतु न्यू मुंबई में आधुनिक शैली से विकसित किया गया बंदरगाह है।
इसे वर्ष 1988-89 में देश का 12वं बड़ा बंदरगाह घोषित किया गया। यह भारत का विशालतम कंटेनर पत्तन है।
4. मॉर्मुगाओ (Mormugao)
गोवा की जुआरी नदी की एसचुआरी में स्थित बंदरगाह वर्ष 1970 तक देश का सबसे बड़ा निर्यात आधारित बंदरगाह था। क्योंकि पूर्व में जापान को लोह अयस्क का ही निर्यात होता था किन्तु वर्तमान में मैगजीन, सीमेंट, आदि का भी निर्यात होता है।
5. न्यू मैंगलोर ( New Mangalore)
मॉर्मुगाओ एवं कोच्चि के साथ कर्नाटक में स्थित यह बंदरगाह आकार की दृष्टि से अपेक्षाकृत छोटा है।
यहां से मुख्यतः लोह अयस्क, ' कर्नाटक की कुदरेमुख खान से निकलने वाली ' काजू, ग्रेनाइट, कहवा, लकड़ी, मछली, चंदन का तेल आदि का निर्यात होता है।
6. कोचीन (कोच्चि)
बेम्वनाद कयाल, जिसे अरब सागर की रानी लोकप्रिय नाम से जाना जाता है, के मुहाने पर स्थित कोच्चि पतन भी एक प्रकृतिक पतन है।
इस पत्तन को स्वेज कोलंबो मार्ग के पास अवस्थित होने का लाभ प्राप्त है। पूरब का वेनिस कहे जाने वाला यह बंदरगाह केरल के मालवा सटके वेलिंगटन द्वीप पर स्थित है। इसकी गोदी वर्ष भर खुली रहती है।
7. तूतीकोरिन ( tuticorin)
भारत के दक्षिणी पूर्वी छोर पर तमिलनाडु में स्थित है। 27 जनवरी, 2011को तूतीकोरीन पोर्ट ट्रस्ट नाम बदलकर चिंंदबरनार पोर्ट ट्रस्ट कर दिया गया है।
श्री वी. ओ. चिदंबरनार पिल्लै ने 1906 में प्रथम स्वदेशी भारतीय नौवहन सेवा तूतीकोरिन से कोलबों के बीच प्रारंभ की थी।
8. चेन्नई ( chennai)
भारत के प्राचीनतम बंदरगाहों में से एक जगहों है। यह एक कृत्रिम पत्तन है जिसे वर्ष 1875 में बनाया गया था। तट पर पानी की कमी के कारण पहले बड़े जलयान तट तक नहीं आ पाते थे जिसे बाद में कृत्रिम रूप से गहरा किया गया है यहां से पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, लौह अयस्क, अभ्रक, कोयला, मशीनें, सूती और रेशमी कपड़े, चमड़ा, तंबाकू, तेल, हल्दी आदि का आयात निर्यात किया जाता है।
9. विशाखापत्तनम (Visakhapatnam)
काकीनाड़ा तट पर आंध्र प्रदेश में स्थित इस बंदरगाह के पास पोत निर्माण एवं मरम्मत उद्योग भी स्थापित है। यहां से लोह अयस्क, पेट्रोलियम उत्पाद, लकड़ी, कोयला, चमड़ा आदि का आयात निर्यात किया जाता है यह सबसे गहरा बंदरगाह माना जाता है।
10. पाराद्वीप (Paradip)
यह उड़ीसा राज्य में कटक से 100 किलोमीटर दूर महानदी के डेल्टा पर स्थित है। यहां से जापान को कच्चा लोहा निर्यात किया जाता है यह निर्यात प्रधान बंदरगाह है। इसका तट सबसे गहरा है।
11. कोलकाता - हल्दिया (Kolkata-Haldia)
यह बंदरगाह हुगली नदी पर अवस्थित है। जो बंगाल की खाड़ी से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मुंबई पत्तन की भांति इसका विकास भी अंग्रेजों द्वारा किया गया था।
12. एन्नोर (एन्नोर)
यह तमिलनाडु के तट पर चेन्नई के उत्तर में स्थित है। इसका परिचालन सन 2001 से शुरू हुआ। यह देश का सबसे बड़ा कंप्यूटराइज बंदरगाह और देश का प्रथम पब्लिक कंपनी मिनी रत्न बंदरगाह है। यह देश का प्रथम निजी क्षेत्र में स्थापित बंदरगाह है। यह चेन्नई से 24 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। फरवरी 2014 को एन्नोर बंदरगाह का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी एवं आधुनिक तमिलनाडु के निर्माता के नाम पर कामराज पोर्ट लिमिटेड कर दिया गया।
13. पोर्ट - ब्लेयर (Port-Blair)
अंडमान निकोबार दीप समूह में स्थित पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह को केंद्र सरकार ने 1 जून 2010 को बड़े बंदरगाहों की श्रेणी में सम्मिलित किया इससे देश में बड़े बंदरगाहों की कुल संख्या 13 हो गई है।
इन बंदरगाहों का प्रबंधन मेजर पोर्ट ट्रस्ट अधिनियम के अंतर्गत पोर्ट ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है।
यहां से मुख्यतः लोह अयस्क, ' कर्नाटक की कुदरेमुख खान से निकलने वाली ' काजू, ग्रेनाइट, कहवा, लकड़ी, मछली, चंदन का तेल आदि का निर्यात होता है।
6. कोचीन (कोच्चि)
बेम्वनाद कयाल, जिसे अरब सागर की रानी लोकप्रिय नाम से जाना जाता है, के मुहाने पर स्थित कोच्चि पतन भी एक प्रकृतिक पतन है।
इस पत्तन को स्वेज कोलंबो मार्ग के पास अवस्थित होने का लाभ प्राप्त है। पूरब का वेनिस कहे जाने वाला यह बंदरगाह केरल के मालवा सटके वेलिंगटन द्वीप पर स्थित है। इसकी गोदी वर्ष भर खुली रहती है।
7. तूतीकोरिन ( tuticorin)
भारत के दक्षिणी पूर्वी छोर पर तमिलनाडु में स्थित है। 27 जनवरी, 2011को तूतीकोरीन पोर्ट ट्रस्ट नाम बदलकर चिंंदबरनार पोर्ट ट्रस्ट कर दिया गया है।
श्री वी. ओ. चिदंबरनार पिल्लै ने 1906 में प्रथम स्वदेशी भारतीय नौवहन सेवा तूतीकोरिन से कोलबों के बीच प्रारंभ की थी।
8. चेन्नई ( chennai)
भारत के प्राचीनतम बंदरगाहों में से एक जगहों है। यह एक कृत्रिम पत्तन है जिसे वर्ष 1875 में बनाया गया था। तट पर पानी की कमी के कारण पहले बड़े जलयान तट तक नहीं आ पाते थे जिसे बाद में कृत्रिम रूप से गहरा किया गया है यहां से पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, लौह अयस्क, अभ्रक, कोयला, मशीनें, सूती और रेशमी कपड़े, चमड़ा, तंबाकू, तेल, हल्दी आदि का आयात निर्यात किया जाता है।
9. विशाखापत्तनम (Visakhapatnam)
काकीनाड़ा तट पर आंध्र प्रदेश में स्थित इस बंदरगाह के पास पोत निर्माण एवं मरम्मत उद्योग भी स्थापित है। यहां से लोह अयस्क, पेट्रोलियम उत्पाद, लकड़ी, कोयला, चमड़ा आदि का आयात निर्यात किया जाता है यह सबसे गहरा बंदरगाह माना जाता है।
10. पाराद्वीप (Paradip)
यह उड़ीसा राज्य में कटक से 100 किलोमीटर दूर महानदी के डेल्टा पर स्थित है। यहां से जापान को कच्चा लोहा निर्यात किया जाता है यह निर्यात प्रधान बंदरगाह है। इसका तट सबसे गहरा है।
11. कोलकाता - हल्दिया (Kolkata-Haldia)
यह बंदरगाह हुगली नदी पर अवस्थित है। जो बंगाल की खाड़ी से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मुंबई पत्तन की भांति इसका विकास भी अंग्रेजों द्वारा किया गया था।
12. एन्नोर (एन्नोर)
यह तमिलनाडु के तट पर चेन्नई के उत्तर में स्थित है। इसका परिचालन सन 2001 से शुरू हुआ। यह देश का सबसे बड़ा कंप्यूटराइज बंदरगाह और देश का प्रथम पब्लिक कंपनी मिनी रत्न बंदरगाह है। यह देश का प्रथम निजी क्षेत्र में स्थापित बंदरगाह है। यह चेन्नई से 24 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। फरवरी 2014 को एन्नोर बंदरगाह का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी एवं आधुनिक तमिलनाडु के निर्माता के नाम पर कामराज पोर्ट लिमिटेड कर दिया गया।
13. पोर्ट - ब्लेयर (Port-Blair)
अंडमान निकोबार दीप समूह में स्थित पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह को केंद्र सरकार ने 1 जून 2010 को बड़े बंदरगाहों की श्रेणी में सम्मिलित किया इससे देश में बड़े बंदरगाहों की कुल संख्या 13 हो गई है।
इन बंदरगाहों का प्रबंधन मेजर पोर्ट ट्रस्ट अधिनियम के अंतर्गत पोर्ट ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है।
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