Commerce 12th 2021 Important questions and answers Hindi Me
Subject : Business studies
Q. पूंजी बाजार का अर्थ (meaning of capital market)
Ans: - पूंजी बाजार दीर्घकालीन वित्तीय सुविधाएं प्रदान करता है। पूंजी बाजार केे अंतर्गत हम उन सभी सुविधाओंं एवं संस्थाओं को सम्मिलित करतेे हैं जो दीर्घकालीन समय के लिए धन उधार लेनेेेेे और देने का कार्य किया जाता है अर्थात पूंजी बाजार दीर्घकालीन ऋणों के लेन देना का बोध होता है।
Q. पूंजी बाजार के कितने प्रकार हैं।
Ans. पूंजी बाजार के निम्न दो खंडों में रखा गय:
1. प्राथमिक बाजार (primary market)
2. गौण बाजार (secondary market)
प्राथमिक बाजार (primary market): प्राथमिक बाजार से आशय उस बाजार से है जिसमें दीर्घकाल के लिए पूंजी एकत्रित करनेेे के उद्देश्य अंंशो, ऋण पत्रों, ब्रांडो, एवं अन्यय प्रतिभूतियों को पहली बार बेचा जाता है। इस प्रकार इस बाजार का संबंध नवीन निर्गमन से होता है। इस कारण प्राथमिक बाजार को नव निर्गमन बाजार भी कहते हैं। इस बाजार के माध्यम से नई तथा पुरानी दोनों प्रकार की कंपनियांंंं आवश्यक पूंजी एकत्रित करती है।
गौण बाजार (secondary market) : इस बाजार से आशय उस बाजार से है जहां पर पूर्व निगमित प्रतिभूतियों का क्रय विक्रय होता है। कोई भी प्रतिभूति जो पहले से बाजार में बेचा जा चुका है उसी प्रतिभूति को दोबारा बेचने की क्रिया को कौन बाजार कहा जाता है। या फिर कह सकते हैं कि कोई भी प्रतिभूति जब प्रथम बार बेची जाती है तो व प्राथमिक बाजार की क्रिया होती है परंतु जब उसी प्रतिभूति को पुनः विक्रय होता है तो गौण बाजार की क्रिया होती है।
प्रतिभूतियों का पुणे क्रय विक्रय स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से होता है। इस समय भारत में कुल मिलाकर 24 स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें प्रमुख है मुंबई स्टॉक एक्सचेंज।
Q. प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है (management is a social process) कैसे?
Ans. प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है इस बाात पर बहुत विवाद भी रहा है। प्रबंध का मुख्य रूप से संबंध व्यवसाय के मानवीय पक्ष से होता है। संस्था के सभी कर्मचारी समाज के अंग होते हैं। अतः इनका नेतृत्व व निर्देशन सामाजिक क्रियाा का आंग है।
वर्तमान में व्यवसाय में भी अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को स्वीकार कर लिया है।
इस संदर्भ में ब्रिज के अनुसार प्रबंध में मानवीय तत्व का होना सामाजिक क्रिया का विशेष लक्षण प्रदान करता है। वास्तव में प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है क्योंकि मुख्य रूप से इसका संबंध व्यवसाय के मानवीय तत्व से है।
Q. विपणन मिश्रण का अर्थ बताएं ?
Ans. मिश्रण शब्द का प्रयोग सबसे पहले हावर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर नील बोर्डन मैं किया था।
विपणन मिश्रण का क्षेत्र विस्तार हो चुका है आज के आधुनिक बाजार में ऐसे तो आप कह सकते हैं कि जो भी क्रिया वस्तु को विक्रय के लिए प्रेरित करती है वह विपणन मिश्रण कहलाते हैं। आज के आधुनिक बाजार को देखते हुए विपणन सिर्फ वस्तु को बेचने तक सीमित नहीं रहा।
आज विपणन का अर्थ उपभोक्ता के अंतिम संतुष्टि तक होता है।
उपभोक्ता के अंतिम संतुष्टि तक जो भी क्रिया किया जाता है विपणन के समय और वस्तु बेचने के पहले और बाद जो सुविधाएं ग्राहक को प्रदान की जाती है वह सभी क्रियाएं विपणन मिश्रण कहलाती है।
विपणन मिश्रण में व सभी क्रिया शामिल किया जाता है जैसे वस्तु की कीमत वस्तु की पैकेजिंग वस्तु की ब्रांडिंग वस्तु का मार्केटिंग वैल्यू ग्राहकों का सुविधा वस्तुओं को खरीदने के लिए व्यवस्थाएं जितनी भी व्यवस्थाएं वस्तु को बेचने के लिए की जाती है वह सभी विपणन मिश्रण कहलाता है।
प्रतिभूतियों का पुणे क्रय विक्रय स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से होता है। इस समय भारत में कुल मिलाकर 24 स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें प्रमुख है मुंबई स्टॉक एक्सचेंज।
Q. प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है (management is a social process) कैसे?
Ans. प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है इस बाात पर बहुत विवाद भी रहा है। प्रबंध का मुख्य रूप से संबंध व्यवसाय के मानवीय पक्ष से होता है। संस्था के सभी कर्मचारी समाज के अंग होते हैं। अतः इनका नेतृत्व व निर्देशन सामाजिक क्रियाा का आंग है।
वर्तमान में व्यवसाय में भी अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को स्वीकार कर लिया है।
इस संदर्भ में ब्रिज के अनुसार प्रबंध में मानवीय तत्व का होना सामाजिक क्रिया का विशेष लक्षण प्रदान करता है। वास्तव में प्रबंध एक सामाजिक क्रिया है क्योंकि मुख्य रूप से इसका संबंध व्यवसाय के मानवीय तत्व से है।
Q. विपणन मिश्रण का अर्थ बताएं ?
Ans. मिश्रण शब्द का प्रयोग सबसे पहले हावर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर नील बोर्डन मैं किया था।
विपणन मिश्रण का क्षेत्र विस्तार हो चुका है आज के आधुनिक बाजार में ऐसे तो आप कह सकते हैं कि जो भी क्रिया वस्तु को विक्रय के लिए प्रेरित करती है वह विपणन मिश्रण कहलाते हैं। आज के आधुनिक बाजार को देखते हुए विपणन सिर्फ वस्तु को बेचने तक सीमित नहीं रहा।
आज विपणन का अर्थ उपभोक्ता के अंतिम संतुष्टि तक होता है।
उपभोक्ता के अंतिम संतुष्टि तक जो भी क्रिया किया जाता है विपणन के समय और वस्तु बेचने के पहले और बाद जो सुविधाएं ग्राहक को प्रदान की जाती है वह सभी क्रियाएं विपणन मिश्रण कहलाती है।
विपणन मिश्रण में व सभी क्रिया शामिल किया जाता है जैसे वस्तु की कीमत वस्तु की पैकेजिंग वस्तु की ब्रांडिंग वस्तु का मार्केटिंग वैल्यू ग्राहकों का सुविधा वस्तुओं को खरीदने के लिए व्यवस्थाएं जितनी भी व्यवस्थाएं वस्तु को बेचने के लिए की जाती है वह सभी विपणन मिश्रण कहलाता है।
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